Online Mandir ऑनलाइन मंदिर - 🌞~ आज का हिन्दू #पंचांग ~🌞 ⛅ *दिनांक 25 अक्टूबर 2019* ⛅ *दिन - शुक्रवार* ⛅ *विक्रम संवत - 2076 (गुजरात. 2075)* ⛅ *शक संवत -1941* ⛅ *अयन - दक्षिणायन* ⛅ *ऋतु - हेमंत* ⛅ *मास - कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अश्विन )* ⛅ *पक्ष - कृष्ण* ⛅ *तिथि - द्वादशी रात्रि 07:08 तक तत्पश्चात त्रयोदशी* ⛅ *नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 11:01 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी* ⛅ *योग - ब्रह्म सुबह 09:58 तक तत्पश्चात वैधृति* ⛅ *राहुकाल - सुबह 10:46 से दोपहर 12:11 तक* ⛅ *सूर्योदय - 06:38* ⛅ *सूर्यास्त - 18:06* ⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में* ⛅ *व्रत पर्व विवरण - गोवत्स द्वादशी, गुरु द्वादशी, प्रदोष व्रत, धनतेरस, धन्वंतरि जयंती, यम दीपदान* 💥 *विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 🌷 *धनतेरस* 🌷 🙏🏻 *कार्तिक कृष्ण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अश्विन) त्रयोदशी के दिन को धनतेरस कहते हैं । भगवान धनवंतरी ने दुखी जनों के रोग निवारणार्थ इसी दिन आयुर्वेद का प्राकट्य किया था । इस दिन सन्ध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हे इस मंत्र के साथ दीप दान करना चाहिये-* 🌷 *मृत्युना पाशदण्डाभ्याम् कालेन श्यामया सह ।* *त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥* 🔥 *(त्रयोदशी के इस दीपदान के पाश और दण्डधारी मृत्यु तथा काल के अधिष्ठाता देव भगवान देव यम, देवी श्यामला सहित मुझ पर प्रसन्न हो।)* 🌐http://www.vkjpandey.in 🌷 *दीपावलीः लक्ष्मीप्राप्ति की साधना* 🌷 ➡ *27 अक्टूबर 2019 रविवार को दीपावली है।* 🎆 *दीपावली के दिन घर के मुख्य दरवाजे के दायीं और बायीं ओर गेहूँ की छोटी-छोटी ढेरी लगाकर उस पर दो दीपक जला दें। हो सके तो वे रात भर जलते रहें, इससे आपके घर में सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होगी।* 🔥 *मिट्टी के कोरे दिये में कभी भी तेल-घी नहीं डालना चाहिए। दिये 6 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर इस्तेमाल करें। नासमझ लोग कोरे दिये में घी डालकर बिगाड़ करते हैं।* 🙏🏻 *लक्ष्मीप्राप्ति की साधना का एक अत्यंत सरल और केवल तीन दिन का प्रयोगः दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात् भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में अगरबत्ती या धूप (केमिकल वाली नहीं-गोबर से बनी) करके दीपक जलाकर, शरीर पर पीले वस्त्र धारण करके, ललाट पर केसर का तिलक कर, स्फटिक मोतियों से बनी माला द्वारा नित्य प्रातः काल निम्न मंत्र की दो मालायें जपें।* 🌷 *ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद् महै।* *अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।।* 🍃 *अशोक के वृक्ष और नीम के पत्ते में रोगप्रतिकारक शक्ति होती है। प्रवेशद्वार के ऊपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते को तोरण (बंदनवार) बाँधना मंगलकारी है।* 🌐http://www.vkjpandey.in 🌷 *धनतेरस* 🌷 *‘स्कंद पुराण’ में आता है कि धनतेरस को दीपदान करनेवाला अकाल मृत्यु से पार हो जाता है | धनतेरस को बाहर की लक्ष्मी का पूजन धन, सुख-शांति व आंतरिक प्रीति देता है | जो भगवान की प्राप्ति में, नारायण में विश्रांति के काम आये वह धन व्यक्ति को अकाल सुख में, अकाल पुरुष में ले जाता है, फिर वह चाहे रूपये – पैसों का धन हो, चाहे गौ – धन हो, गजधन हो, बुद्धिधन हो या लोक – सम्पर्क धन हो | धनतेरस को दिये जलाओगे .... तुम भले बाहर से थोड़े सुखी हो, तुमसे ज्यादा तो पतंगे भी सुख मनायेंगे लेकिन थोड़ी देर में फड़फड़ाकर जल – तप के मर जायेंगे | अपने – आपमें, परमात्मसुख में तृप्ति पाना, सुख - दुःख में सम रहना, ज्ञान का दिया जलाना – यह वास्तविक धनतेरस, आध्यात्मिक धनतेरस है |* 🌐http://www.vkjpandey.in 🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏 | Facebook
आज क हनद #पचग दनक 25 अकटबर 2019 दन - शकरवर वकरम सवत - 2076 (गजरत. 2075) शक सवत -1941 अयन - दकषणयन ऋत - हमत मस - करतक (गजरत एव महरषटर अनसर अशवन ) पकष - कषण तथ - दवदश रतर 07:08 तक ततपशचत तरयदश नकषतर - परवफलगन सबह 11:01 तक ततपशचत उततरफलगन यग - बरहम सबह 09:58 तक ततपशचत वधत रहकल - सबह 10:46 स दपहर 12:11 तक सरयदय - 06:38 सरयसत - 18:06 दशशल - पशचम दश म वरत परव ववरण - गवतस दवदश गर दवदश परदष वरत धनतरस धनवतर जयत यम दपदन वशष - दवदश क पतक(पई) अथव तरयदश क बगन खन स पतर क नश हत ह (बरहमव
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